Saturday, February 23, 2008

विदाई की बेला आ गयी





विदाई की बेला गयी

साँझ फिर ढल गयी

चांदनी स्याह हो गयी

अरमानों की डोली उठ गयी

नयनों की कोर भीग गयी

ख़ुशी के दो पल जो तुम्हारे साथ बीता आयी

उन दो पलों से आंचल भर लाई

मैं जीवन का सौदा इन दो पलों में कर आयी

3 comments:

Anonymous said...

very colorful.

Unknown said...

Dear Neena, I liked the poems 'Mera ateet mujhse chhall karta hai' aur 'Vidayi ki bela aa gayi' Bahut bhaavpooran hain!

neeshi said...

Thank you Savita.