हर सुहानी सुबह में तुम्हारे आगमन का इंतजार करतें हैं हम।
पते पर ठहरी हुई शबनम की एक बूंद के टपकने का इंतजार करतें हैं हम।
तुम्हारे आगमन का इंतजार करतें हैं हम।
सावन की झडी के थमने का इंतजार करतें हैं हम।
तुम्हारे आगमन का इंतजार करतें हैं हम।
बादलों के बीच से सूरज के झांकने का इंतजार करतें हैं हम।
तुम्हारे आगमन का इंतजार करतें हैं हम।
आँखों की कोरों में अटके हुए दो आंसुओं के टपकने का इंतजार करतें हैं हम।
तुम्हारे आगमन का इंतजार करतें हैं हम।
हां
कभी न लौंट कर आने वाले बेदर्दी का इंतजार करतें हैं हम।
तुम्हारे आगमन का इंतजार करतें हैं हम।
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11 comments:
बहुत ही खूबसूरत.
हिन्दी चिट्ठाजगत में इस नये चिट्ठे का एवं चिट्ठाकार का हार्दिक स्वागत है.
मेरी कामना है कि यह नया कदम जो आपने उठाया है वह एक बहुत दीर्घ, सफल, एवं आसमान को छूने वाली यात्रा निकले. यह भी मेरी कामना है कि आपके चिट्ठे द्वारा बहुत लोगों को प्रोत्साहन एवं प्रेरणा मिल सके.
हिन्दी चिट्ठाजगत एक स्नेही परिवार है एवं आपको चिट्ठाकारी में किसी भी तरह की मदद की जरूरत पडे तो बहुत से लोग आपकी मदद के लिये तत्पर मिलेंगे.
शुभाशिष !
-- शास्त्री (www.Sarathi.info)
एक अनुरोध -- कृपया वर्ड-वेरिफिकेशन का झंझट हटा दें. इससे आप जितना सोचते हैं उतना फायदा नहीं होता है, बल्कि समर्पित पाठकों/टिप्पणीकारों को अनावश्यक परेशानी होती है. हिन्दी के वरिष्ठ चिट्ठाकारों में कोई भी वर्ड वेरिफिकेशन का प्रयोग नहीं करता है, जो इस बात का सूचक है कि यह एक जरूरी बात नहीं है.
वर्ड वेरिफिकेशन हटाने के लिये निम्न कार्य करें: ब्लागस्पाट के अंदर जाकर --
Dahboard --> Setting --> Comments -->Show word verification for comments?
Select "No" and save!!
बस हो गया काम !!
bahut prakhar abhivyakti.
तुम्हारे आगमन का इंतजार करतें हैं हम।
बादलों के बीच से सूरज के झांकने का इंतजार करतें हैं हम।
achcha likha hai aapney.
http://www.ashokvichar.blogspot.com
निशि जी,
आँखों की कोरों में अटके हुए दो आंसुओं के टपकने का इंतजार करतें हैं हम।
अच्छी पंक्ति है। बधाई।
किसी की दो पंक्तियाँ याद आ रहीं हैं-
खुदा के वास्ते आँखों से पोछ लो आँसू।
वरना कौन रहेगा इन टपकते मकानों में।।
दो त्वरित पंक्तियाँ मेरी तरफ से आपके ही तर्ज पर-
बहुत देर से गुजरता है इन्तजार का पल।
आपकी नयी कविता का इन्तजार करते हैं हम।।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
मुश्किलों से भागने की अपनी फितरत है नहीं।
कोशिशें गर दिल से हो तो जल उठेगी खुद शमां।।
www.manoramsuman.blogspot.com
ब्लाग जगत में आपका स्वागत है
chittha jagat main swaagat hai !
waqai intezaar main kitnaa mazaa hai. ye tadpaata hai magar fir bhi intezaar main jo mazaa hai wo wasl-e-yaar main kahaan ?
सुंदर शब्दों से कसी काव्य सौष्ठव से पूर्ण मार्मिक भावाभिव्यक्ति बहुत बहुत धन्यबाद चिठ्ठा जगत में आपका स्वागत है मेरे ब्लॉग पर भी समय निकाल कर दस्तक दें मेरी नई रचना शायद आपको पसंद आए
चिट्ठा जगत में आपका स्वागत है।
बहुत ही भावुक पंक्तियॉं हैं । बधाई।
तुम्हारे इंतजार में कुछ इस तरह बीती है जिंदगी कि गर तुम न आओ तो भी कोई बात नहीं।
dard bhari rachana, ati sundar
-----------------Vishal
सभी शुभकामनाओं के लिये हार्दिक धन्यवाद
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