Saturday, January 5, 2008

तलाश

ख़ुशी की तलाश में

जा पहुंचे हम

गुलाब के एक गुलशन में

गुलाब कि खुशबु में मदहोश हम

ये भी जान न पाए

कब दामन हमारा

काँटों से उलझ कर रह गया