Monday, October 6, 2008

इंतजार

हर सुहानी सुबह में तुम्हारे आगमन का इंतजार करतें हैं हम
पते पर ठहरी हुई शबनम की एक बूंद के टपकने का इंतजार करतें हैं हम
तुम्हारे आगमन का इंतजार करतें हैं हम
सावन की झडी के थमने का इंतजार करतें हैं हम
तुम्हारे आगमन का इंतजार करतें हैं हम
बादलों के बीच से सूरज के झांकने का इंतजार करतें हैं हम
तुम्हारे आगमन का इंतजार करतें हैं हम
आँखों की कोरों में अटके हुए दो आंसुओं के टपकने का इंतजार करतें हैं हम

तुम्हारे आगमन का इंतजार करतें हैं हम

हां
कभी न लौंट कर आने वाले बेदर्दी का इंतजार करतें हैं हम

तुम्हारे आगमन का इंतजार करतें हैं हम

फिर एक साँझ घिर आयी है.

फिर एक साँझ घिर आयी है।
फिर तुम्हारी याद आयी है।
फिर तुम्हारे स्नेहिल स्पर्श की याद आयी है।
तन मन प्रेम रस से भिगो लाई है।
फिर तुम्हारी याद आयी है।
फिर एक साँझ घिर आयी है।
फिर तुम्हारी याद आयी है।
न्यनों में न थमने वाली बरखा घिर आयी है।
फिर तुम्हारी याद आयी है।
रोते हुए होठों पे हंसी आयी है,
जब तुम्हारी सूरत झरोखे से नजर आयी है।
फिर तुम्हारी याद आयी है।
फिर एक साँझ घिर आयी है।