Monday, October 23, 2017

 सबको साथ ले लो सफर बनजाएगा सुहाना

ट्रम्प हो या हो हिलेरी
हिलने वाले हम नहीं
अपनी कर्मभूमि पर डटे हुये हैं हम आज भी
डटे रहेंगे कल भी हम
जमे हुये हैं पावँ हमारे अंगद से भी भारी
हिला सका ना रावण जिसको
उन पावों को क्या हिला पायेंगें अब ट्रम्प
रावण तो महा ज्ञानी सूझ ना पाया उसको हल
फिर  टर्म ने अपनी बुद्धि का विस्तार हिलेरी के आँचल के परे नहीं दर्शाया
ऐसे ट्रम्प से क्या डरनाहमको
जो केवल चुनाव जितने के लालच में अपनी सारी शालीनता भूल कर कीचड़ उछाल गये हिलेरी पर
उसका कीचड़ तो जनता ने अपने आंसुओं से धो डाला
ट्रम्प अब जीत कर कौन सी नई हुकूमत खडी करेंगे ?
आओ मिल कर देखे हम
मेहनत करने वाले हाथों को ना देखा कभी भीख मांगते
फिर चिंता हम क्यों करें
न्याय संस्था की नींव पड़ी है गहरी सदिओं की ,उसको दो दिन टिकने वाले क्या हिला पायेंगे
अन्याय के खिलाफ उठने वाली हर आवाज में अपनी इतनी आवाजें हम मिला दें की
वह आवाज  उठे बनकर गूंज चिर दे जो आकाश का सीना भी
अन्याय करने की हिम्मत भी ना जुटा पाये कोई नेता
निज स्वार्थ से उठ जायो परमार्थ की बात करो
अकेले अकेले कहाँ चल दिये
सबको साथ ले लो सफर बनजाएगा सुहाना

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