सबको साथ ले लो सफर बनजाएगा सुहाना
हिलने वाले हम नहीं
अपनी कर्मभूमि पर डटे हुये हैं हम आज भी
डटे रहेंगे कल भी हम
जमे हुये हैं पावँ हमारे अंगद से भी भारी
हिला सका ना रावण जिसको
उन पावों को क्या हिला पायेंगें अब ट्रम्प
रावण तो महा ज्ञानी सूझ ना पाया उसको हल
फिर टर्म ने अपनी बुद्धि का विस्तार हिलेरी के आँचल के परे नहीं दर्शाया
ऐसे ट्रम्प से क्या डरनाहमको
जो केवल चुनाव जितने के लालच में अपनी सारी शालीनता भूल कर कीचड़ उछाल गये हिलेरी पर
उसका कीचड़ तो जनता ने अपने आंसुओं से धो डाला
ट्रम्प अब जीत कर कौन सी नई हुकूमत खडी करेंगे ?
आओ मिल कर देखे हम
मेहनत करने वाले हाथों को ना देखा कभी भीख मांगते
फिर चिंता हम क्यों करें
न्याय संस्था की नींव पड़ी है गहरी सदिओं की ,उसको दो दिन टिकने वाले क्या हिला पायेंगे
अन्याय के खिलाफ उठने वाली हर आवाज में अपनी इतनी आवाजें हम मिला दें की
वह आवाज उठे बनकर गूंज चिर दे जो आकाश का सीना भी
अन्याय करने की हिम्मत भी ना जुटा पाये कोई नेता
निज स्वार्थ से उठ जायो परमार्थ की बात करो
अकेले अकेले कहाँ चल दिये
सबको साथ ले लो सफर बनजाएगा सुहाना
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